जैसाकी आपने thumbnail देखते पता चल गया है की what a we going to talk about कया होने वाला है radha krishna serial.
आज के episode मे दीखाया जायेगा की इसमे हम देखते है की कृष्ण उग्रपत को कहते है की नारायण मन मे भक्ति को देखते है भुल को नही ये जो हुआ है वह छोटीसी भुल है जीसे सुघारा जा सकता है हमे शिला का निर्माण केलिए नविन कलाकार की आवश्यकता है जो मुझे लगता है वह महाराज कंन्स के पास मिल सकता है.
यह कहते ही जटिला कहती है हा,हा हमे कंन्स के पास जाना चाहीए मे शिग्र अयंक को भेजुगी महाराज कंन्स के पास तभी कृष्ण दाउ कहते है की जटिला वही कहेगी जो मे कहुगा यह ऐसी लिला है जीससे बरसाना वासियो को आनद प्राप्त हो ओर मामाश्री को मुक्ति मिलेगी जीसकी उन्है जरुर हे ओर इसमे अभी अतिम लिला शेष है
दुसरी ओर हम देखते है की कस शुक्राचार्य से दिऐ हुऐ असत्र का प्रयोग करता है जीससे समयचक्र घीमा करके प्रम्भासुर का आहवान करता है वह कृष्ण का जीवन ओर उसके मृत्यु के बारेमे पुछता है ओर प्रम्भासुर कहते है की मुझे अगर किसी का काल देखना हो तो पहले मुझे उसे छुना पडता है यदी तुम्है कृष्ण का काल जानना है तो पहले तुम्है उसके पास मुझे लेजीना होगा ताकी मे उसे छु सकु.
दुसकी ओर हम देखते है की राधा (वल्लभ) कृष्ण के कक्ष मे लेटी होती है ओर थके हुऐ कृष्ण को लेटने ही नही देती कृष्ण उन्हें जटिली ओर अयंक को खाना खिलाने को कहते है तभी राधा कहती है की मेरे घर मे खाना तुम खिलाओगे कृष्ण, मे तो यहा पे यशोदा ना के हाथो से खावा खाउगी. ओर फिर कृष्ण को जीना पडता है.
यहा रे दूसर ओर अयंक जटिला को कहता है की घर पे ना ही राधा है ओर नाही गोपिका ओर फिर जटिला जोर जोर से हसने लगती है की गोरिका भाग गई घरसे, ओर अयंक ओर जटिला उग्रपत को बताने जारहे होते है तभी गोपिका की आवज आती है की भोजन लग चुका है ओर फिर गोपिका सब को खाना खिलाती है.
यहा पे वल्लभ यशोदा मा के हाथसे खाना खाते है ओर येसब कृष्ण देखते है सब उनके आखो से आसु आजाता है ओर यहा पे राधा के घर मे शुका उडते हुऐ आता है ओर गोपिका को कहता है जटिला ने तुम्हें बहुत परेशान कीया हेना मेने उसके थाल मे मिर्च डाली है. जटिला उस भोजन को खालेती है ओर चीलाने लगती है तभी उग्रपत कहते है की तुम्हारे हाथ मे जेसा भी खाना हो तुम्हें उसे खाना ही होगा, तुम अन्न का अपमान नही कर सकती ओर मे अन्न फेकने की पाप या उसका अपराघ अपने सर रे नही लेसकता तुम्हें ये खाना ही होगा ओर जटिला बुरी तरह से फस जाति है ओर कृष्ण कहते है की धन्यवाद सुखदेव आपकी यह लिला मे जटिला को बहोत भारी पडी.
उसके बाद दाउ वल्लभ को गौशाला मे लेजाते है ओर वल्लभ भाग न जाय ताकी उन्हें सारा का सारा ताम अकेले ना करना पडे इस भय से वह गौशाला का दरवाजा बाहर से बद कर देते है ओर यहा पे जटिला गोपिका को गौशाला मे लाती है ओर जटिला खाने मे मिर्च का बदला लेने केलिऐ उसको भी गौशाला मे केद कर देती है. ओर दोनो फस जाते है तभी राधा सोचती है की मे कृष्ण का जीवन जी रही हु तो मुझे भी उसकी तरह नटखट बनना होगा, कृष्ण सन्कट मे क्या करता है मुझे भी वह करना होगा तभी राधा मटके के उपर मटके डाल कर उन पर चड जाती है ओर उपर से कुद कर बाहर नीकल जाती है.
ओर दुसरी ओर जटिला उग्रपत को कहती है की हमारी घर की इज्जत, हमारी बहु राधा इतनी रात मे हमारे घर मे नही आयी है ओर उग्रपत गुस्से मे पुरे घर मे देखते है वह बोहत गुस्से मे होते है. वह हर जगह देखते है ओर वहा पे राधा भागी-भागी घर तरफ दोड रही होती है ओर फिर उग्रपत कहते है ऐक बार गोपिका के कक्ष मे देख लेते है तब जटिला कहती है वहा पे केसे होगी. ओर आज का episode यहा पे खतम हो जाता है.
कल के episode यह दीखाया जायेगा की कंन्स अपने प्रम्भासुर को शिल्पकला के रुप मे भेजते है ओर कहते है की जेसे ही तुम कृष्ण को छुलो तुरंत वापस आजाना ओर कृष्ण
ओर दाउ दोनो को पता चल जाता है किन्तु कृष्ण उन्हें कुछ नही करते क्योकी यह कृष्ण की ही लिला होती है.
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बस आज के episode मे बस इतना ही अगर आपको हमारी पोस्ट पसंद आ रही हो तो हमे follow कीजिये ताकी हमारी Next Post की update आपको मिलती रहे
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