Hello guys, very Good morning all of you and radhe radhe. स्वागत हैं हमारी website radha krishna serial. जैसा की आपने title देखते पता चल गया है की what a we going to talk about कया होने वाला है radha krishna serial
आज के episode मे दीखाया जायेगा की कन्स अपने आठ भाईओ को बोलाता है ओर कहता है की तुम सब इस धनूष की तारो ओर अष्ट चक्रो का निर्माण करो. कन्स मथुरा वासीयो को अपना गुप्तचर बनने कहता है फिर वह कहता है की यदी किसी ने भी कृष्ण को यहा पे रह ने दीया तो उसको गभीर परिणाम होगा.
दुसरी ओर अक्रु कृष्ण को कहते है की मे आपको आपके मृत्यु की ओर केसे लेजा सकता हु. कन्स ने महादेव से वरदान लिया है आप दीव्य ओर शक्तिशाली है किन्तु महादेव से शक्तिशाली भला कोन हो सकता है. ओर अक्रु रो ने लगता है. तो कृष्ण अपने वास्तविक नारायण के दर्शन देते है. और अक्रु का सारा डर मिट जाता है फिर कहता है की मै मुर्ख था जो स्वयम् नारायण की रक्षा कर रहा था. तभी नारायण धोषणा करते है की जब जब संसार मे कृष्ण को स्मरण किया जाये गा तो तुम्हारा भी स्मरण किया जायेगा. तुम्हारे निर्मल मन और निस्वार्थ भक्ति केलिए. दाऊ अक्रु को अपना कर्म करने को कहते है और उसका कर्म होता है की कृष्ण और बलराम को मथुरा ले जाना.
दुसरी ओर नन्द अपने गुप्तचर के हाथो कृष्ण केलिए एक संदेश भिजवाते है. जिसमे वह कहते है की उसे मथुरा नही आना चाहिए. यहा कन्स ने पुरी सेना तैयार की है. गुप्तचर संदेश लेकर बरसाना पहोच जाता है. वह समदेश राधा को देता है. राधा उसे पढ कर तुरंत कृष्ण को रोकने केलिए भागने लगती है. किन्तु रास्ते मे खडे होते है अंयक और कुटिला अंयक हसते हुए कहता है की अंतमे अब कृष्ण का अंत होगा. कुटिला भी कहती है की मै तो कृष्ण की मृत्यु पर भोज करवाऊगी. तो राधा कहती है की मेरे एक पुकार पर कृष्ण रुक जायेगा. और वह अंयक के अनेक चिलाने पर भी राधा कृष्ण केलिए भागती है.
महादेव कहते है की इस क्षण राधा मे असीमप्रेम उभर रहा है. वह सारे प्रेम से कृष्ण को पुकारेगी तो कृष्ण अवश्य रुक जायेगे ओर कालचक्र परिवर्तित हो जायेगा. तो पार्वती कहती है की ऐसे मे तो अनर्थ हो जायेगा. तो महादेव कहते है की राधा कृष्ण की इस विरह गाथा मे अब मेरा पात्र निभा ने की बारी है. महादेव राधा के सामने प्रगट हो जाते है जीसे देख कर राधा हेरान हो जाती है.
राधा कहती है की आपने कन्स को कृष्ण के विरुद्ध वरदान क्यो दीया?. तो महादेव कहते है की मैने अपना कर्म किया. तुम कृष्ण को उसके कर्म से मत रोको तो राधा कहती है की कृष्ण आपके वरदान का सामना कैसे करेगा? तो महादेव कहते है की कृष्ण हर कठिनाईओ की सामना करने केलिए कैयार है किन्तु अगर तुमने उसे रोका तो कालचक्र परिवर्तित हो जायेगा. तुम्हे मुज पर और कृष्ण पर विश्वास करना होगा. महादेव कहते है की कृष्ण तुम्हारे भीतर है. तुम उसे जब भी पुकारोगी वह प्रगट हो जायेगे. y
अभी मेरी मानो वापस लोट जाव किन्कु राधा कृष्ण की चिंता मे ना ही आगे बढपाती है क्योकी महादेव ने मना किया है और नाही पीछे हट पाती है क्योंकि कृष्ण की चिंता उसे सताती है. ओर वह कहती है की पहले तुम मेरी हर चिंता का समाधान करने केलिए मेरी सामने होते थे. तभी राधा के ह्रदय के प्रेम के कारण कृष्ण उसके सामने प्रगट हो जाते है ओर कहते है की तुम्हें महादेव पर भी विश्वास नही! की तुम्हारा कृष्ण हर संकट से लड लेगा. तो राधा कहती है की मुझे महादेव से ज्यादा मेरे प्रेम पे विश्वास है. फिर कृष्ण कहते है की\ मेरी चिंता मत करना राधा. मेरे साथ तुम्हारा प्रेम है. वह इससे बडी कोई शक्ति नही ओर राधा के मुख पर संतोष के भीव साफ दीखते है. ओर आज का episode यही पे खतम हो जाता है.
अगले episode मे हम देखेगे की कृष्ण मथुरा मे अपना पहेला कदम रखते है. फिर अक्रु कन्स के दरबार मे जाता है ओर कन्स को कहता है की लिजीए कन्स आपकी इतने वर्षो की इच्छा पुर्ण हुई. कृष्ण मथुरा आचुके है. तो कन्स कहता है की जाकर कह दो उस ग्वाले को मुझे उसकी चुनौती स्वीकार है.
बस आज के episode मे बस इतना ही अगर आपको हमारी पोस्ट पसंद आ रही हो तो हमे follow कीजिये ताकी हमारी Next Post की update आपको मिलती रहे.
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